मौलाना आज़ाद नैशनल उर्दू यूनीवर्सिटी के लखनऊ कैम्पस की नई बिलडिंग का उद्घाटन।

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मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनीवर्सिटी बृज कोर्स के जरीया मदरसों के छात्रों को मुख्यधारे में लाना चाहती हैं, ताकि वो विज्ञाानिक और सामाजिक ज्ञान की ओर भी ध्यान दें सकें और उन्हें अपनी क्षमता को उजागर करने का बेहतरीन मौक़ा मिल सकें। इन ख्यालात का इजहार मौलाना आज़ाद नैशनल उर्दू यूनीवर्सिटी के वाइस चान्सलर डाक्टर मुहम्मद असलम परवेज ने लखनऊ कैम्पस की नई बिलडिंग के उद्घाटन समारोह के दौरान किया। उद्घाटन समारोह का शुभारम्भ महमूदुल हसन ने तिलावते कलाम पाक से किया। कैम्पस की छात्राओं ने विश्वविद्यालय का गान पेश किया। कैमपस के छात्रों ने इस अवसर पर पत्रिका के प्रेस विज्ञप्ति में शामिल थे। कैम्पस के इंचार्ज डाक्टर अबदुलकुद्दूस ने मेहमानों और उपस्थित अतिथी एवं शहर लोगों का ख़ैर मक़दम किया। निज़़ामत का कार्य डाक्टर उमैर मंज़र ने किया। जबकि शुक्रिये के शब्द डाक्टर निकहत फातिमा ने अदा किए।

डाक्टर मुहम्मद असलम परवेज ने इस अवसर पर क़ु़रआन को समझने पर ज़ोर दिया और कहा कि ये सिर्फ़ सवाब की किताब नहीं है बल्कि ये हिक्मत व ज्ञान का खज़ाना है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं उसे एक बड़े कैम्पस के तौर पर फ़रोग़ देना चाहता हूँ। ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को ज्ञान का मौक़ा मिल सके ।
उद्घाटन समारोह में डाक्टर मुहम्मद सनाउल्लाह नदवी ने साइन्स मगरिब और हम के विषय पर अज़ीम ख़ुतबा पेश किया। उन्होंने कहा कि मुस्लमानों के यहां ज्ञान का पूरा तसव्वुर था इस में देनी और दुनियावी ज्ञान की तख़सीस नहीं थी। उन्होंने बताया कि नवीं से तेरहवीं शताबदी तक का ज़माना साईंसी तरक़्िकयों के उरूज का जमाना था। शुरूआती दौर में तर्जुमों की बदौलत ही इलमी और साईंसी तरक़्िक़यों के कारनामे अंजाम दिए गए। प्रोफ़ेसर सनाउल्लाह नदवी ने कहा कि मुस्लमानों की इलमी तरक़्िक़यात और साईंसी कारनामों से ही यूरोप को रोशनी मिली है। उन्होंने आसमानी ज्ञान, इबतिदाई रोबोट, ख़़्ालाई परवाज़, मकैनीकल, राकेट और नज़रीया-ए-इरतिका के सिलसिले में मुस्लिम साईंसदानों के कारनामों और तजुर्बात पर भरपूर रौशनी डाली, इस मौका पर उन्होंने मुख़्तलिफ़ मुस्लिम साईंसदानों के कारनामों से वाक़िफ़ कराया और कहा कि पुरब व पंछिम के दरमियान साईंस और ज्ञान ने सफ़ीर का काम अंजाम दिया है मगर हैरत है कि आज की इलमी दुनिया इन चीजों का एतराफ़ नहीं करती। इस अवसर पर इन्होंने कहा कि हमें अपनी तारीख़ के रौशन बाब से जानकारी ज़रूरी है।
मेहमान के तौर पर खि़ताब करते हुए इट्रीगरल यूनीवर्सिटी के चांसलर डाक्टर वसीम अख़तर ने कहा कि लखनऊ कैम्पस की तौसीअ तलबा के लिए एक अहम फै़सला है और उम्मीद है कि इस अवसर का फ़ायदा लोग उठाएँगे। इस मौका पर कैम्पस के टीचर ,रिसर्च स्कालरज और छात्राओं के अलावा लखनऊ की अहम लोग मौजूद थे। जिनमें डाक्टर अनीस अंसारी ,प्रोफैसर मुजीब अल रहमान ,डाक्टर शमस कमाल अंजुम ,डाक्टर रुखसाना लारी ,डाक्टर सुहैब आलिम ,जनाब सदर अल्लाह अंसारी ,डाकर अब्बास रजा नय्यर, डाक्टर अर्फात जफर,डाक्टर कमर इक़ बाल,डाक्टर सुलतान शाकिर हाश्मी ,पंकज मिसरा,जनाब परवेज मलिकजादा ,मौलाना फरमान नदवी ,मौलाना खालिद गोंडवी , सलाम सिद्दीकी ,डाक्टर अरशद उल-कादरी,डाक्टर नुसरत तकी ,डाक्टर हारून रशीद, वगै़रा मौजूद थे

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