मनव्वर रिज़वी/इम्तेयाज अहमद
मुख्यमंत्री के शहर का भटहट सीएचसी बना लापरवाहियों का गण
तमाम लापरवाहियों के बाद भी सीएमओ द्वारा यहाँ के प्रभारी पर कोई कार्यवाही न करना समझ से परे
गोरखपुर/भटहट । स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार जितनी तेजी से काम कर रही है उतनी ही तेजी से जिले के भटहट सामुदायिक केंद्र पर लापरवाही की घटनाएं उजागर हो रही हैं ।
बता दे कि यह सैकड़ों गांवों के बीच इकलौता सामुदायिक स्वास्थ केंद्र है जिसपर हज़ारों लोग निर्भर हैं लेकिन आज कल आये दिन बरती जा रही लापरवाहियों के चलते यह सुर्ख़ियों में बना हुआ है । यहाँ चिकित्सकों के द्रारा मरीजों और परिजनों से दुर्व्यवहार के किस्से भी आम हो गए हैं । आये दिन लापरवाहियां उजागर होने के बाद भी भटहट सीएचसी की दशा में कोई सुधार नही हो रहा है जिससे लोगों की जान तक चली जा रही है । दूर दराज क्षेत्र के सैकड़ों गांवों से प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का यहाँ आवागमन होता है । चिकित्सकों की अनुपस्थिति और लापरवाही से मरीजों और परिजनों को दर दर भटकना पड़ता है । बिजली से लगायत चिकित्सा व्यवस्था इस सामुदायिक केंद्र में दयनीय स्थिति में पहुँच गयी है । अगर सूत्रों की माने तो इतनी बड़ी लापरवाही वर्तमान कार्यरत सीएचसी अधीक्षक के पहले देखने को नही मिली। अगर ऐसे ही चलता रहा तो क्षेत्र के निवासियों का सीएचसी की व्यवस्थाओं और चिकित्सकों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही के चलते आक्रोश सड़कों पर आ सकता है। बात यहाँ की सिलसिलेवार लापरवाहियों की बात करें तो एक पूरा अध्याय ही लिखा जा सकता है जिसकी एक बानगी ये है -:
केस नं0 1 –
17 अप्रैल 2017 को नसबंदी कराने आयी महिलाओं को ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने फर्श पर ही लेटा दिया ।
केस नं0 2 –
4 मई 2017 को ग्रामसभा जंगल डोमरी नं0 2 के खापड़हवा टोला निवासी गर्भवती महिला कमलावती देवी को चिकित्सकों के द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया और मेडिकल कालेज को रेफर कर दिया । जिसके कारण सीएचसी से महज 100 कदम पर ही सड़क के किनारे बच्चे को जन्म देना पड़ा ।
केस नं0 3-
5 मई 2017 को एम्बुलेंस में जमुनियां निवासिनी शेषनाथ की पत्नी रीना देवी को बच्चा पैदा हुआ ।
केस नं0 4 –
5 मई 2017 को ही भटहट सीएचसी पर सड़क पर प्रसूता की डिलिवरी की जाँच में पहुंचे एडिशनल सीएमओ नन्द कुमार ने जब सीएचसी का निरीक्षण किया तो शौचालयों में गन्दगी देख काफी नाराजगी जताई थी लेकिन आज तक कोई सुधार नही हुआ ।
केस नं0 6-
5 मई 2017 को ही आशाओं ने एडिशनल सीएमओ नन्द कुमार को ज्ञापन दिया और कहा कि बिना पैसा लिए प्रसूता महिलाओं को भर्ती नही किया जाता । जिसपर एडिशनल सीएमओ ने एक सप्ताह का समय माँगा था। इसके बाद क्या कार्यवाही हुई कोई नहीं जानता।
केस नं0 7-
6 मई 2017 को पुनः ग्राम सभा बजहां पहलवान टोला निवासी राधेश्याम की पत्नी गुड्डी को एम्बुलेंस में ही बच्चा पैदा हो गया ।
केस नं0 8-
12 मई 2017 को राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा जब भटहट सीएचसी की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जब सीएचसी अधीक्षक अजय देव कुलियार को देने उनके केबिन में पहुंचे तो अधीक्षक ने ज्ञापन लेने की जगह पत्रकारों का ही वीडियो बनाने लगे।
केस नं0 9 –
17 मई 2017 को चिकित्सकों के भटहट सीएचसी से नदारद रहने के कारण एक मरीज ने इलाज के अभाव में एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। लेकिन इस सीएचसी पर कोई असर नही हुआ। इस घटना के संबंध में सीएमओ डॉ0 रविन्द्र कुमार का कहना है कि मरीज़ की मौत एम्बुलेंस में पहले ही हो चुकी थी और इसकी जांच एसीएमओ डॉ0 नंदकुमार कर रहे है।
यहाँ यह बात सोचने वाली है कि अगर मरीज़ एम्बुलेंस में ही मर गया था तब भी डॉक्टर के अनुपस्थित रहने पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई और लगातार हो रही लापरवाही के बाद भी सीएमओ भटहट सीएचसी प्रभारी पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर पा रहे हैं।
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