भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्रधिकरण तथा भारतीय उद्योग संगठन (सीआईआई) के तत्वावधान में आयोजित गोष्ठïी जिसका विषय ‘स्वास्थ्य पोषक पदार्थों को सुरक्षा की सस्कृतिÓ था में बोलते हुए डॉ. अजादार ने कहा पोषक पदार्थों के निर्माताओं के लिए ये बहुत हर्ष की बात है कि भारत पोषक पदार्थों (हेल्थ सप्लीमेंट) का सेक्टर १० फीसदी की दर बढ़ रहा है जब अन्तर्राष्टï्रीय स्तर पर इसका विकास ६.५ फीसदी की दर से हो रहा है विशलेसयों का अनुमान है ये व्यापार अगले चार वर्षों को १६ फीसदी विकास की दर प्राप्त कर लेगा। अत: इस क्षेत्र में निवेश के लिए बहुत उचित वातावरण है।
भारत में इस व्यापार के विकास के मुख्य कारणों की चर्चा करते हुए डॉ. खान ने कहा कि इसकी पहली वजह भारत की बड़ी जनसख्या में कुपोषण का पाया जाना है। दूसरी वजह स्वास्थ्य के लिए लोगों की जागरुकता है। लोग अब उपचार के स्थान पर रोकथाम को वरीयता देते है। तीसरा कारण लोगों की जीवन शौली में आता हुआ बदलाव है जो शारीरिक परिश्रम का अमा करता है। अत: स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक पदार्थ बनाने वाली कम्पनियों के लिए ये बहुत ही उचित समय है। दूसरी महत्वपूर्ण बात डॉ. खान ने कही की समय है कि हम अपनी वनस्पति व जड़ी बूटी की सम्पदा पर भी शोध करें जो अपने आप में बहुत से स्वास्थ्य वर्धक तत्वों का खजाना है और इन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद बाजार में लायें।
इस मौके पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के चेयरमैन आशीष बहुगुणा (आईएएस) और सीईओ पवन कुमार अग्रवाल (आईएएस) तथा अन्तर्राष्टï्रीय खाद्य पूरक संघ (आईएडीएसए) के कार्यकारी निदेशक साइमन पेटमैन तथा यूके की रीङ्क्षडग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड रिचार्डसन भी मौजूद थे।
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