बन्द कर दी नदी की धारा 

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अधिकारियों की मिली भगत से सरकारी नियम कानून को ताक पर रखकर कराया जा रहा है बालू खनन
खनन के लिए अवैध रूप से बाँध बनाकर बन्द कर दी नदी की धारा 
लिफ्टर मशीन लगाकर किया जा रहा है बालू खनन
अम्बेडकरनगर । सरकार द्वारा नियम कानून के लाख दावे के बाद भी खनन माफियाओं के हौसले बुलन्द है सरकारी नियमो को ताक पर रखकर खनन माफिया खनन करने में लगे गए है अधिकारियों की मिली भगत से हो रहे इस खनन से जहाँ राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है वही नदी की भौतिक स्थित में भी परिवर्तन हो रहा है ।अधिकारियों की मिली भगत से हो रहे इस कार्य को रोकने वाला कोई नही है और अवैध रूप से बांध बनाकर नदी की एक धारा को ही बंद कर दिया गया है।
    मामला जनपद के उत्तरी छोर पर स्थित सरयू नदी टाण्डा का है जहाँ पर खनन माफियाओं द्वारा सरयू नदी का सीना छलनी किया जा रहा है यहाँ पर खनन माफियाओं द्वारा बालू खनन का कार्य लिया गया है लेकिन अभी नदी में पानी होने की वजह से खनन नही किया जा सकता तो खनन माफियाओं ने इसका भी हल ढूंढ लिया और लगभग सैकड़ो मीटर का अवैध बाँध बनाकर नदी की धारा को ही परिवर्तित कर दिया गया और लिफ्टर मशीन द्वारा खनन कराया जा रहा है जबकि नियम यह है कि खनन के लिए नदी के साथ कोई छेड़ छाड़ नही किया सकता और न ही लिफ्टर मशीन आदि से खनन किया जा सकता है लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से यहाँ पर नियम कानून को ताक पर रखकर खनन माफिया बालू खनन करा रहे है और सरकारी नियम कानून की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे है और अधिकारी भी मलाई खाने में मस्त है । टाण्डा तहसील के ग्राम इस्माईलपुर बेल्दहा में सरकार द्वारा बालू खनन के लिए टेण्डर निकालकर ठेका दिया गया है जिसमे सरकारी नियम के आधार पर ही बालू खनन करने की शर्तें है लेकिन मौजूदा समय मे सरकार के किसी भी नियम व शर्त का पालन नही किया जा रहा है बल्कि सरकारी नियम कानून को ताक पर रखकर लिफ्टर मशीन द्वारा अवैध रूप से खनन कराया जा रहा है इतना ही नही बालू खनन का ठेका लेने वालों ने सरयू नदी में अवैध रूप से अस्थाई बाँध बनाकर नदी की एक धारा को ही बन्द कर दिया गया है साथ ही जेसीबी आदि लगाकर नदी को खोद कर उस बन्द हुई धारा का अस्तित्व ही समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है अवैध से हो रहे इस कार्य मे उच्च अधिकारियों की मिली भगत होने की वजह से कोई भी इसको रोकने के लिए तैयार नही है और न ही किसी अधिकारी की इतनी हिम्मत है कि वह अवैध रूप से हो रहे इस कार्य को नियम कानून के तहत कराने के लिए बाध्य कर सके ।ज्यादा मुनाफे के लालच और अधिकारीयो की मलाई खाने वाली नीति की वजह से सरयू नदी को छलनी किया जा रहा है और शासन व प्रशासन मौन दर्शक बना हुआ है।
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