पढ़ाई के साथ-साथ एक्सट्रा करिकुलर सब्जेक्ट, बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. ये बात महाराष्ट्र शिक्षा विभाग बखूबी जानता है.
इसी का नतीजा है कि डिपार्टमेंट ने फैसला लिया है कि इसकी क्लास कम से कम 1 घंटे की होनी चाहिए. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के स्कूलों में एक्सट्रा करकिुलर सब्जेक्ट जैसे फिजिकल एजुकेशन और आर्ट्स (ड्राइंग) की क्लास का समय 1 घंटे तक बढ़ाया जाएगा. ताकि स्टूडेंट्स अपनी क्रिएटिविटी को और डेवलप कर सकें.
‘एक्सट्रा करिकुलर सब्जेक्ट्स’ का समय बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के शिक्षकों ने एजुकेशन मिनिस्टर विनोद तावड़े से मुलाकात की. वहीं Swami Muktananda High School, Chembur के सीनियर टीचर अनिल बोर्नारे का कहना है कि एक्सट्रा करिकुलर सब्जेक्ट स्टूडेंट्स की लाइफ में बेहद जरूरी हैं. ये पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स के दिमाग को फ्रेश करते हैं और पढ़ाई के स्ट्रेस से दूर रहते हैं. उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और आर्ट्स के पीरियड के समय बच्चों को दूसरे सब्जेक्ट पढाएं जाते हैं. जो कि बेहद गलत है.
उन्होंने कहा कि आने वाले एकेडमिक ईयर मे पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक टाइमटेबल में बदलाव किए जाएंगे. जिसमें पीरियड की संख्या तो कम हो गई है. लेकिन पीरियड का समय 5 से 10 मिनट तक बढ़ा दिया गया है. फर्स्ट पीरियड पहले 30 मिनट का होता था, वहीं अब यह 40 मिनट का होगा.