जेल में बंद ये कैदी रोजाना पांच सौ और हजार के इन नोटों से एक हजार फाइल पैड बना रहे हैं। कैदी महीने में 25 दिन आठ घंटे काम करके ये पैड बना रहे हैं। इसे बनाने की ऐवज में इन्हें 160 से 200 रुपये रोजाना मिल रहे हैं।
ऐसे बनते हैं करेंसी नोट से पैड-
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटे गए करेंसी नोटों का पहले गूदा बनाया जाता है। फिर इसे एक सांचे में डाला जाता है, ताकि ये मिक्सर ठोस में बदल जाए। फिर इसे पैड में बदला जाता है।
इस बारे में तमिलनाडु जेल डिपार्टमेंट के डीआईजी ए मुरुगेशन का कहना है कि-’ हमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 70 टन से ज्यादा कटे हुए नोट देने का वादा किया था। अब तक पुझल जेल में 9 टन कटे नोटों को खेप पहुंची है और इसे फाइल पैड तैयार किए जा रहे हैं।’
वहीं उन्होंने बताया कि फाइल पैड तैयार करने में अब तक डेढ टन पुराने करेंसी नोटों का इस्तेमाल किया जा चुका है और सरकारी दफ्तरों में इनका इस्तेमाल किया जाएगा।
वहीं कैदियों को फाइल पैड बनाने में आसानी हो, इसके लिए जल्द ही सेमी ऑटोमेटिक मशीन लगाई जाएगी। इससे न सिर्फ पैड की संख्या बढ़ेगी बल्कि कैदियों को काम करने में सहूलियत होगी।
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