शकीललखनऊ : अवधी विरासत और कला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में अहम किरदार दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली और मुस्लिम महिलाओं की प्रगतिशील और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा स्रोत पूर्व मंत्री बेगम हमीदा हबीबुल्लाह का आज लखनऊ में इंतेक़ाल हो गया। बेगम हबीबुल्लाह 102 साल की थी और उनहोंने अपनी सक्रीय जीवन पर उम्र के पड़ाव को हावी नहीं होने दिया। उनका अंतिम संस्कार आज शाम उनके पैतृक गांव बाराबंकी के सैदनपुर में होगा। बेगम हबीबुल्लाह के इंतेक़ाल की खबर से अदबी , अवधी संस्कृति समेत महिलाओं में शोक है।
बेगम हबीबुल्लाह अवध गर्ल्स कॉलेज लखनऊ की संरक्षिका भी थी वह सेवा चिकन की प्रमुख थी उनहोंने अपनी ज़िन्दगी के एक एक पल यादगार के तौर पर जिया है उनकी ज़िंदादिली और दरियादिली का हर कोई कायल था। बच्चे बूढ़े और जवान हो सभी उनकी सेवाओं का लोहा मानते थे।
उत्तरप्रदेश सरकार मंत्री से लेकर सांसद तक का सफर बड़ी कामयाबी से तय किया। पुणे के खडगवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की नींव रखने वाले मेजर जनरल इनायत हबीबुल्लाह की पत्नी बेगम हामिदा हबीबुल्लाह ने पति की सेवानिवृत्ति के बाद 1965 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। बेगम हामिदा हैदरगढ़ (बाराबंकी) से विधायक चुनी गईं। इसके बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार में 1971-73 से सामाजिक और हरिजन कल्याण मंत्री, नागरिक रक्षा मंत्री थीं, उनको 1974 में प्रदेश का पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था।