गौरतलब है कि एना ऐसे लोगों का इलाज करती हैं, जो भयंकर डिप्रेशन का शिकार होते हैं। एना बताती है कि डिप्रेशन कोई मामूली बीमारी नहीं है, कई बार इससे जान भी चली जाती है या फिर डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति खुद अपनी जान ले लता है। बताया जाता है कि जब उनके पास अभिनेत्री दीपिका पादुकोण आई थीं, तब वो ऐसे ही भयंकर डिप्रेशन से गुजर रही थीं। उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। एना के पास अक्सर सेलेब्स ही आते हैं और वो उन्हें डिप्रेशन से बाहर निकालने में सफल भी हो जाती हैं। उनके लिए दीपिका का केस बहुत पेचीदा था, क्योंकि दीपिका डिप्रेशन के हाई लेवल को टच कर चुकी थीं। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जब व्यक्ति पूरी तरह से असहाय हो जाता है। उसे सबकुछ बेकार -सा लगने लगता है। भूख-प्यास खत्म हो जाती है। अंदर से महसूस होता है कि पेट खाली है…इसके साथ बेचैनी भी बढ़ती जाती है। इसका सीधा असर नींद पर पड़ता है। दीपिका के साथ बिल्कुल ऐसा ही हो रहा था।
दरअसल, 2014 में जब दीपिका को इसका अनुुमान हुआ, तब उन्हें लगा कि शायद ऐसा थकान की वजह से हो रहा है, इसलिए उन्होंने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया। लेकिन यह स्थिति आगे भी जारी रही। मसलन, सांसें तेज-तेज चलने लगी थीं। काम में मन नहीं लग रहा था और हालात बद से बद्तर होते जा रहे थे। ऐसे में वो मुंबई से बेंगलुरू पहुंचीं और एना से मिलीं। अपनी फैमिली से भी सारी बातें शेयर कीं।
एना का मानना है कि दिल की बातें साझा करने से डिप्रेशन में बहुत जरूरी होता है, इससे मन हल्का होता है और जो कुछ चीजें होती हैं, वह खत्म हो जाती हैं। एना ने दीपिका को बताया कि वो एंग्जाएटी और डिप्रेशन से बुरी तरह ग्रस्त हैं। दीपिका ने ही एना को बताया कि वो सो नहीं पाती हैं और रात-रातभर रोकर गुजारती हैं। इसके बाद एना ने दीपिका को कुछ दवाइयां दीं और बीच-बीच में बात करने के लिए कहा।
इसके बाद दीपिका काम से कुछ दिनों के लिए छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ रहने लगीं। हैपी न्यू ईयर की शूटिंग पूरी हो चुकी थी, ऐसे में ज्यादा काम भी नहीं था। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि डिप्रेशन और एंग्जाइटी एक तरह से मन की बीमारी है। इसमें मेडिसीन, काउंसलिंग के साथ-साथ अपनों का साथ और ध्यान-योग करना अहम होता है। एंग्जाएटी और डिप्रेशन में आप जितना ज्यादा ध्यान करेंगे, उतनी ही जल्दी आप इससे बाहर आ सकते हैं।