तीन तलाक़ पर तीन साल की जेल

0
244


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन तलाक़ को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी जिस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भी अपनी मोहर लगा दी है.

तीन तलाक़ अब एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया जा चुका है और ऐसा करने वाले को तीन साल की कैद की सज़ा हो सकती है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन तलाक के मामले सामने आ रहे थे, इसलिए अध्यादेश लाने की जरूरत पड़ी. केंद्र सरकार को छह माह में इस अध्यादेश को विधेयक की शक्ल में संसद में पारित कराना होगा.

 

यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा

पहला संशोधन

पहले का प्रावधान 
इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी. 
संशोधन
अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा

दूसरा संशोधन

पहले का प्रावधान 
पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था. पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी.
संशोधन
मजिस्ट्रेट को ज़मानत देने का अधिकार होगा

तीसरा संशोधन

पहले का प्रावधान 
पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था.
संशोधन
मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा

 

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here