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नई दिल्ली : 71वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सवा सौ करोड़ देशवासियों को संबोधित करते हुए युवाओं पर फोकस किया. पीएम ने कहा कि हमें न्यू इंडिया का संकल्प लेकर देश को आगे लेकर जाना है. भारत में कोई छोटा या बड़ा नहीं है, सब एक बराबर हैं. एक साथ आकर ही हम बदलाव ला सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा, यह एक खास वर्ष है, क्योंकि देश भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं, चंपारण सत्याग्रह की 100वीं और गणेश उत्सव की 125वीं सालगिरह मना रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल 1 जनवरी 2018 तक जो इस सदी में पैदा हुए हैं, वह 18 साल के हो जाएंगे. पीएम ने उन्हें भारत का भाग्य विधाता बताया. पीएम ने अपने भाषण में कश्मीर समस्या का भी प्रमुखता से जिक्र किया.
जम्मू कश्मीर पर यह कहा
पीएम ने कहा कि सरकार कश्मीर समस्या के हल के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इस पर बयानबाजी बहुत होती है, हर कोई एक-दूसरे को गाली देने को तैयार रहता है. लेकिन कश्मीर की समस्या गाली और गोली से नहीं सुलझने वाली, कश्मीर के लोगों को गले लगाने से ही इस समस्या का समाधान निकलेगा. कश्मीर समस्या का समाधान सरकार के साथ हर आदमी का काम है. कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाएंगे, इसको लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. पीएम ने कहा, ‘न गाली से समस्या सुलझने वाली है, ना गोली से सुलझने वाली है, समस्या सुलझने वाली है गले लगाने से. इस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं.’
मुट्ठीभर अलगाववादी नए फैसले लेते हैं
मुट्ठीभर अलगाववादी नए फैसले लेते हैं, पैंतरे करते हैं. आतंकवाद के खिलाफ नर्मी नहीं बरती जाएगी. बार-बार हमने कहा है कि आप मुख्य धारा में आइए. लोकतंत्र में बात करने का अधिकार है. मुख्यधारा ही हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है. हमारे सुरक्षा बलों के प्रयास से बड़ी मात्रा में नौजवानों ने सरेंडर किया मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश की. आज भारत सरकार ऐसी वेबसाइट लॉन्च कर रही है, जिसमें गैलेंट्री अवार्ड पाने वालों के लिए पोर्टल शुरू किया जा रहा है. देश की नई पीढ़ी को वीर बलिदानियों के बारे में जानकारी मिलेगी.”
लोकतंत्र को हमने मतपत्र तक सीमित कर दिया. न्यू इंडिया में तंत्र से लोक नहीं, लोगों से तंत्र चले ऐसा लोकतंत्र न्यू इंडिया की पहचान बने. ऐसा न्यू इंडिया चाहते हैं. स्वराज्य जन्मसिद्ध अधिकार है, लोकमान्य तिलक ने कहा था. नए इंडिया में सुराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है नारा होना चाहिए. स्वराज्य से सुराज्य की ओर बढ़ना चाहिए. सब्सिडी छोड़ना, नोटबंदी हर फैसले में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने धैर्य दिखाया, विश्वास जताया. आज भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने में हम सफल हो रहे हैं.”
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