ए.ऍफ़.टी. बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सम्मानित सदस्य अरुण साहू संस्थापक अधिवक्ता महिला शक्ति, ने अपना जन्म दिवस किसी रेस्त्रा में अपने मित्रों और परिजनों के मध्य मनाने के बजाय लीलावती मुंशी निराश्रित बालगृह में उन बच्चो के बीच मनाया जिनको खुशिया देने वाले लोग उनको एकाकी जीवन देकर इसी दुनिया में कही खो गये है, साहू जी ने इन निराश्रित बच्चों के साथ जन्म-दिन का केक काटने के पश्चात भोजन किया जिसकी व्य्चस्था स्वयम साहू जी ने की थी, बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखने लायक थी तत्पश्चात, स्वास्थ्य और शिक्षा से सम्बंधित सामग्री, कॉपी-किताब, रजिस्टर, पेन, हाइलाइटर, टेक्नॉमग्नेटिक पेन एवं बच्चों का दूध डायपर इत्यादि सहृदय पूर्वक वितरित किया, उनके सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाओं में इतनी विशालता है की उन्होंने अपने जीवन के अधिकांश क्षण इन्हीं लोगो के बीच खुशियाँ बांटकर बितायी है और इनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने का उनका प्रयास जारी है जिससे यही निराश्रित-वर्तमानं कल देश का सुनहरा एवं प्रतिभावान भविष्य निर्मित कर सके जिससे विकास, तरक्की व खुशहाली का माहौल बना सके क्योंकि, बच्चे ही देश के भविष्य हैं. मौके पर उपस्थित बार के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि समाज में परित्यक्त और आश्रयहीनता का भाव विकसित होने से हमें बचना चाहिए क्योंकि, ऐसे में भविष्य के भाग्य में कुंठा हाथ लगती है और, एक ऐसे वर्ग का सृजन हो जाता है जिसकी नकारात्मक भावना सकारात्मक सोच और सन्दर्भ को प्रभावित करने लगती है, महामंत्री ने कहा कि हमे गर्व है कि श्री साहू जी हमारी ए.ऍफ़.टी. बार के सदस्य है, हमारी बार उनके जन्म-दिन के इस सु-अवसर को अपने सौभाग्य के रूप में देखती है उनके उच्च-विचार हमें प्रेरित करते है कि हमे अपनी खुशिया उन लोगों के बीच ही बांटनी चाहिए जिनकी खुशिया या तो नियति ने छीन ली है या फिर हम जैसे लोगों ने उन पर थोप दी हैं, उनके द्वारा आज जो आवश्यक सामग्रियां वितरित की गयी है वे भविष्य निर्माण में सहायक होगी. हम बालगृह के समस्त सेवाधारियों से अपेक्षा करेंगे की वे इन बच्चो का विशेष ख्याल रखे और यदि कभी भी हमारी बार की सेवा की आवश्यकता महसूस हो तो श्री साहू जी के माध्यम से जो भी आवश्यकता होगी उसको पूरा किया जायेगा हमारी बार ऐसे सकारात्मक कार्यक्रमों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी और हरसम्भव मदद करेगी.
जन्मदिन जब असहाय बच्चो के साथ मनाया जाय तो खुशिया दुगुनी हो जाती है।
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