जनतन्त्र में जनहित की उपेक्षा खतरनाक साबित होती है-जन सरोकाऱ मंच

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA……….
जनतन्त्र में जनहित की उपेक्षा खतरनाक साबित होती है-जन सरोकाऱ मंच
व्यवस्था परिवर्तन वाया सुशासन एवं न्याय पर गोष्ठी सम्पन हुई।
राष्ट्रीय स्तर के बुद्धिजीवियों ने लिया भाग
लख़नऊ।जनसरोकार मंच के तत्वाधान में आयोजित व्यवस्था परिवर्तन वाया सुशासन एवं न्याय विषयक गोष्ठी सोमवार को यूपी प्रेस क्लब में संपन्न हुई।

गोष्ठी में राष्ट्रीय स्तर के बुद्धिजीवियों ने जनहित में आने वाली समस्याओं पर विचार विमर्श किया तथा अपने अपने विचार प्रकट किये।गोष्ठी में मुख्य वक्ता राजनाथ सिंह सूर्य ने जनहित को रेखांकित करते हुए व्यवस्था को सेवा एवं समर्पण के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया उन्होंने तंत्र को संवेदनशील एवं लक्ष्य परक बनाने की आवश्यकता बताई।

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उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय एच एन तिलहरी ने न्याय एवम जनहित पर विस्तार से चर्चा की।अवध बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी पीएस चंद्रा ने जनहित को प्राथमिकता देने पर बल देने की बात कही।पूर्व न्यायाधीश एवं साहित्यकार रामचंद्र शुक्ल ने कहा कि जनतंत्र में जनहित की उपेक्षा खतरनाक साबित होती है।रमेश प्रसाद तिवारी पूर्व महामंत्री ने जीवन के अनुभवो के आधार पर कहा कि आम आदमी सहारे के लिए इधर उधर भटकता है और अनजाने में ही भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंस जाता है।अशिक्षा और अज्ञानता ही भ्रष्टाचार का मूल है और इसे शिक्षा के द्वारा ही दूर किया जा सकता है।सभा के अध्यक्ष राजेंद्र भौनवाल(सेवानिवृत्त आईएएस)ने मंच के गठन की आवश्यकता पर चर्चा की और मंच द्वारा जनहित के सेवा अनुष्ठान निरंतर चलाए जाने का आश्वासन दिया।सभा को वरिष्ठ अधिवक्ता जे के सिन्हा,प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के संरक्षक लल्लन मिश्रा,उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भवानी दत्त भट्ट,श्रीमती मोनिका भौनवाल,आईजी अमिताभ ठाकुर श्रीमती नूतन ठाकुर,राजेश राय डॉक्टर हरिओम (आईएएस) श्रीमती मालविका हरिओम,श्रीमती परिपूर्णा सिंह आदि ने अपने अपने विचारों को मंच के माध्यम से प्रकट किया। कार्यक्रम का संयोजन संजय मिश्र एवं संचालन शरद मिश्रा सिंधु ने किया।

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