मोदी और योगी को टक्कर की ज़िम्मेदारी
सय्यद काज़िम रज़ा शकील
एक बार चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भाषण देते कहा था कांग्रेस बूढी हो गयी इन्हीं नरेंद्र मोदी को प्रियंका गाँधी ने जवाब देते हुए पूछा था कि क्या मैं उनको बूढी नज़र आती हूँ। अब इन्हीं प्रियंका गाँधी को कांग्रेस ने सपा बसपा और भाजपा का राजनैतिक समीकरण बिगाड़ने के लिए गेम चेंजर के रूप में उतार दिया है। सर्दी के मौसम में देश का चुनावी माहौल का तापमान खूब गर्माता जा रहा है उत्तरप्रदेश में सपा बसपा के गठबंधन से परेशान भाजपा के लिए कांग्रेस ने नयी परेशानी खड़ी करते हुए लोकसभा चुनाव में धमाकेदार शुरूआत करते हुए प्रियंका गाँधी को पार्टी का महासचिव बनाते हुए पूर्वी उत्तरप्रदेश का प्रभारी बना कर सिर्फ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टक्कर देने के लिए प्रियंका गाँधी को ज़िम्मेदारी सौंप दी है पी एम मोदी का लोकसभा क्षेत्र बनारस और सी एम योगी की कर्मस्थली गोरखपुर भी पूर्वी उत्तरप्रदेश में ही है।
अगर प्रियंका गाँधी की कार्यक्षमता और शैली को देखा जाए तो रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस का गढ़ बनाये रखने में उनका विशेष योगदान है राजनीती में दक्ष इतनी हैं कि जब 2014 में मोदी लहर में कांग्रेस के पैर उखड़ गए थे तब अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को बचाय रखा बड़ी रैली के बजाय पदयात्रा और चौपालों के ज़रिये लोगों से सीधे सम्पर्क से अपने पन का एहसास करते हुए दिलों में समा जाती हैं.
शुरू से ही कार्यकर्ताओं में प्रियंका गाँधी इंदिरा गाँधी की छवि नज़र आती रही हैं प्रियंका का हेयरस्टाइल, कपड़ों के चयन और बात करने के सलीके में इंदिरा गांधी की छाप का साफ नज़र आना.। और प्रियंका को राजनीती में सीधे लाने की मांग भी होती रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह के अनुसार प्रियंका गाँधी के आने से सिर्फ पूर्वी उत्तरप्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रभाव पड़ेगा उनका मानना है प्रियंका गाँधी के आने से निश्चित रूप से स्थिति और मज़बूत होगी।
सूत्रों के अनुसार उत्तरप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय प्रियंका गाँधी के लिए वही कमरा तैयार करने को कहा गया है जिसमे इंदिरा गाँधी आकर बैठती थी अभी इस कमरे में राजब्बर की नेमप्लेट लगी हुई है।
प्रियंका गाँधी 10 फरवरी को लखनऊ में कांग्रेस की होने वाली रैली में भी शामिल होंगी और यहीं ने प्रियंका चुनावी मुहीम के साथ ही अपने पद की शुरूआत कर सकती हैं। यह भी उम्मीद लगायी जा रही है कि प्रियंका फरवरी के पहले हफ्ते चार्ज लेकर 10 फरवरी को रैली में शामिल हों।
मध्यप्रदेश में तीन बार से लगातार सरकार में क़ाबिज़ भाजपा को हराकर कांग्रेस को सत्ता में लाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले ज्योतिरराजे सिंधिया अवश्य की पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को मज़बूती प्रदान करेंगे इसी के साथ यह भी इशारे मिले हैं कि बाकि बचे दो जोन में नए प्रभारी भी जल्द ही बनाये जाने के साथ उत्तरप्रदेश कांग्रेस में और बदलाव हो सकते हैं।
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