गरीबों की शिक्षा अलग और अमीरों की शिक्षा अलग की जा रही है

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA—-
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर पत्रकारों ने दिया धरना

लखनऊ । हिन्दी पत्रकार एसोशिएसन के सदस्यों ने रविवार को राजधानी के स्कूलों में फीस वृद्धि, प्रतिवर्ष एडमीशन फीस, मनचाही दुकानों से पुस्तकें खरीदवाना, बस्तें का बोझ बढ़ाते जाने को लेकर गांधी प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन किया । एसोशिएसन के अध्यक्ष सतीश चन्द्र मौर्य ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक त्रस्त हो चुके है और बच्चों पर भी मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है । मानक नगर स्थित न्यू पब्लिक स्कूल की श्रीनगर शाखा पर इसी विषय को लेकर 2 मई को धरना प्रदर्शन किया गया था और पुलिस थाने का घेराव किया गया था । योगी सरकार ने आते ही निजी स्कूलों पर नकेल ड़ालने की बात कही थी परंतु समय बीतता जा रहा है और कार्यवाही निल बटे सन्नाटा है। संरक्षक केशव पाण्डेय ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों का उत्पीडन बढ़ता जा रहा है और योगी सरकार खामोश बैठी है । प्रदेश में कुछ ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि गरीबों की शिक्षा अलग और अमीरों की शिक्षा अलग की जा रही है । निजी विद्यालय प्रत्येक वर्ष एडमीशन फीस वसूलते है और मनचाही फीस वृद्धि कर चुनिंदा दुकानों से किताबें आदि खरीदने का दबाव बनाते है । सचिव संतोष तिवारी ने कहा कि अभिभावकों से लूट के नाम पर बच्चें को 15-20 किताबों का बोझ लाद दिया जाता है और वे बेचारे सुबह 7 से रात 9 बजे तक पढ़ाई से फुरसत ही नहीं पा पाते, तिस पर जुल्म ये कि निजी विद्यालय बच्चों के कम नम्बरों का बहाना बना कर फिर से कक्षा पढ़ने या विषय बदलने का नाहक दबाव बनाते है ।

प्राइवेट स्कूलों द्वारा आए दिनों किसी न किसी मद में अभिभावकों की जेब पर डाका ड़ाला जाता है और शासन प्रशासन को ऐसे स्कूलों से मोटी थैली मिलने के कारण सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है । नारेबाजी करते पत्रकारों से एसीएम डॉ० संतोष उपाध्याय ने ज्ञापन लेकर धरना प्रदर्शन समाप्त करने की बात कही ।

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