इलाहाबाद। दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब में सैयद अली मेहदी आब्दी की किताब ‘हज व उमरह का सबक’ का विमोचन किया गया। समारोह में हाईकोर्ट के जस्टिस शबीहुल हसनैन रहे। छह सौ पेज की किताब में हज के सफर के सामानों की फेहरिस्त से लेकर हज से पहले की जरूरी मालूमात के बारे में बताया गया है। अंजुमन खुद्दामे मोजिजनुमा की ओर से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि जस्टिस हसनैन ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम किया जाए, लेकिन ईमानदारी, लगन और मेहनत उसकी शर्त है। अदालतों में मानक के अनुरूप जिरह और बहस की कमी है।
अगर आप मेहनत नहीं करेंगे तो आम आदमी और प्रोफेशनल्स में फर्क नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि सैयद अली मेहदी आब्दी ने रेल सेवा करते हुए वक्त निकाला और काम की किताब लिखकर दिखाई। शिया जामा मस्जिद के इमाम जुमा व जमात मौलाना सैयद हसन रजा जैदी ने सदारत और सैयद अजादार हुसैन ने निजामत की। उलेमा ने किताब को बहुत काम की बताया। मौलाना जवादुल हैदर जूदी, मौलान हैदर अब्बास, मौलाना मो. ताहिर ने हज की अहमियत बयां करते हुए किताब पर रोशनी डाली। डॉ. कमर आब्दी और जीशान आब्दी ने अपनी नज्म पेश की। एडवोकेट फरमान अहमद नकवी, रजा हसनैन, जफर अब्बास रिजवी, शाहिद काजमी, एजाज मुस्तफा, माशूक जफर, अरशद आब्दी, हसन नकवी, रजा अब्बास काजमी, रहबर मुस्तफाबादी, आफताब हुसैन, मंजर कर्रार आदि मौजूद रहे।
किताब ‘हज व उमरह का सबक’ का विमोचन
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