कानपुर-फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर ‘‘मौत के पास’’
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इसे रेलवे की लापरवाही कहें या फिर आम लोगों में जागरुकता की कमी, शहर में जीटी रोड के समानांतर बिछी कानपुर- फर्रुखाबाद रेलवे लाइन के किनारे बनी चारदीवारी जगह-जगह से तोड़ डाली गई है। इससे न सिर्फ आवारा जानवर, बल्कि लोग भी पैदल, साईकिल, बाइक जैसे वाहनों को लेकर निकलते रहते हैं। वो न सिर्फ अपनी जान से खेलते हैं, बल्कि रेलवे मुसाफिरों की जान के लिये भी खतरा पैदा करते हैं। इस रेलवे लाइन के दूसरी ओर घनी आबादी वाली बस्तियां हैं।
आये दिन रेलवे ट्रैकों पर गाय, बैल जैसे आवारा जानवर घूमते-घूमते आ जाने से हादसे होते रहते हैं। लोकोमोटिव के आगे जानवरों के फंसकर मर जाने से ना सिर्फ ट्रेन वहीं की वहीं खड़ी हो जाती है, इंजन तक फेल हो जाते हैं और डिले होने से यात्रियों व रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान भी होता है।बाउंड्री सबसे ज्यादा जगहों पर टूटी है।
यहां से थाना नजीराबाद, फजलगंज आदि पुलिस के आंकड़े गवाह हैं कि बाउंड्री के इन कट्स के कारण सैकड़ों पैदल लोग भी हर साल अपनी जान गंवा देते हैं। 2015-16 में तो 33 व्यक्तियों ने ट्रैक पर इन कटों से निकलते हुए अपनी जान गंवाई। सैकड़ों पशु भी कट गए। अक्सर बेसुध होकर मोबाइल पर बातें करते हुए उस पार रहने वाले लोग इन कटो से निकलकर ट्रैक पार करते हैं। और पटरियों पर खामोशी से सरकती चली आ रही ट्रेन को सुन-देख नहीं पाते और काल के जाल में समा जाते हैं।
अब आरसीसी की बाउंड्री बनेगी
रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य वीडी राय और सुरेश अवस्थी कहते हैं कि जनहानि रोकना प्राथमिकता पर होना चाहिये जीवन हानि चाहे इंसान की हो या पशु की, बाउंड्री जैसे प्रोटेक्टिव मेजर्स तुरंत एड्रेस किए जाने चाहिए। वीडी रॉय के अनुसार मंडलीय रेल बैठक में जीटी रोड पर रेलवे की बाउंड्री आरसीसी की बनवाने का प्रस्ताव दिया जाएगा। जिससे ये बार-बार आसानी से न टूटे। बाउंड्री तोड़ने वालों पर आरपीएफ मुकदमा दर्ज करके सख्त कार्रवाई करेगी।
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