कांग्रेस की नयी रणनीति से सधेगा जातीय समीकरण 

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दो अध्यक्ष में एक मुस्लिम एक ब्राह्मण चेहरा लाने की तयारी 
सय्यद काज़िम रज़ा शकील 
लखनऊ।प्रियंका गाँधी को कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तरप्रदेश के प्रभारी की जि़म्मेदारी देकर सपा-बसपा गठबंधन सहित भारतीय जनता पार्टी में खलबली मचाने के बाद कांग्रेस ने एक नयी रणनीति को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर ली है। इस नई रणनीति से कांग्रेस जहां भाजपा के ब्राह्म्ण वोटों पर निशाना साधने की तैयारी कर रही है तो वहीं कांग्रेस से छिटक कर सपा-बसपा के पाले में गये मुस्लिम वोटरों को भी साधने का प्रयास कर रही है। पार्टी नेतृत्व पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान प्रियंका गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपने के बाद अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मïण चेहरे और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम चेहरे को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर को चुनावी अभियान और खुद के चुनाव में व्यस्त रहने की वजह से नेतृत्व उनका विकल्प देने की तैयारी में जुटा हुआ है। सूत्रों के अनुसार प्रभारी की तरह ही राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में दो अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकते हैं। इसमें पूर्वी उत्तरप्रदेश में किसी ब्राह्मण चेहरे को तो पश्चिमी उत्तरप्रदेश में मुस्लिम चेहरे को लाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में ललितेश पति त्रिपाठी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी के तेज-तर्रार नेता इमरान मसूद को अध्यक्ष पद की जि़म्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी संगठन में इस फेरबदल को लेकर दिल्ली में दो दिनों तक हुए मंथन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, महासचिव प्रियंका गाँधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगभग सहमति बना दी है।
सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तैनाती के साथ ही इन दोनों अध्यक्षों की तैनाती से यह साफ़ हो जायेगा की कांग्रेस अब सपा बसपा से गठबंधन की मिन्नतें नहीं बल्कि पूरी तैयारी के साथ भाजपा और सपा बसपा गठबंधन को टक्कर देने की तैयारी में है। यही कारण है कि प्रियंका गाँधी 14 फरवरी तक लखनऊ रह कर लोकसभा सीटों पर अलग अलग चर्चा के साथ ही सभी क्षेत्रों की ज़मीनी हक़ीक़त भी जानेगीं। वहीं कुछ छोटे दल एक एक दो दो सीटों के लिए कांग्रेस से सम्पर्क में हैं लेकिन कांग्रेस अभी तक इस पर कोई विचार नहीं कर रही है। हालाँकि राहुल गाँधी 11 फरवरी को ही और सिंधिया 13 फरवरी को वापस चले जायेंगे लेकिन प्रियंका गाँधी 14 तक लखनऊ में रहेंगी। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जातिगत राजनीति को देखते हुये कांग्रेस सभी सियासी बिसात बिछाने में लगी हुई है। यही नहीं दलितों और पिछड़ों को भी पार्टी में बड़ा नेतृत्व देने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है
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