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बहुत ही कम लोगों को पता है कि केंद्र सरकार एक नया बिल संसद में लाने जा रही है जिसका नाम फाइनेंशियल रिजोल्युशन डिपोजिट इंश्योरेंस बिल 2017 (FRDI) है। इस बिल में जो प्रावधान है उससे जिन लोगों का बैंक में खाता है उनके मन में भय पैदा हो गया है कि अगर बैंक दिवालिया होता है तो वह अपनी मेहनत की कमाई को गंवा सकते हैं। इस बिल ने लोगों को माथे पर शिकन ला दी है। बिल अगर मौजूदा स्थिति में लागू होता है तो लोगों का जो पैसा बैंक में जमा है उसे बैंक खराब समय आने पर नुकसान की भरपाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

वित्त मंत्री ने दिया भरोसा इस बिल को अगस्त माह में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसे बाद में पार्लियामेंट की कमेटी को भेज दिया गया था। इस बिल में बेन इन का प्रावधान है, जिसके अनुसार मुश्किल में बैंक लोगों के पैसों का इस्तेमाल कर सकता है। इस तरह के कई प्रावधान दूसरे देशों में है जहां लोगों को अपना पैसा गंवाना पड़ा है, जहां बेल इन प्रावधान को लागू किया गया है। साइप्रस में लोगों के जमा किए गए 50 फीसदी पैसे डूब गए, जब इस प्रावधान को लागू किया गया। वहीं वित्त मंत्री जेटली ने इस बिल का बचाव करते हुए कहा है कि बैंकों के दिवालिया होने की स्थिति में उन्हें सहारा देने के लिए यह बिल लाया जा रहा है, इसके कुछ विवादित प्रस्ताव में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस बिल में बैंकों और डिपॉजिटर्स का पूरी तरह से खयाल रखा जाएगा, साथ ही उनके पैसों को सुरक्षित रखे जाने का प्रावधान किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने दी सफाई सरकार के इस बिल को बहुत से लोगों ने गरीब विरोधी करार दिया है, इस बिल को वित्तीय संस्थानों के घाटे को कम लाने के लिए लाया जा रहा है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने इस बिल पर सफाई देते हुए कहा है कि वह इस बिल संशय को जल्द खत्म करेगी। इस बिल में इस तरह का प्रावधान नहीं है जिसके जरिए सरकार पर एक तय सीमा के बाद पाबंदी लगाई जा सके कि वह बैंकों की मदद के लिए लोगों की निश्चित जमा राशि का इस्तेमाल नहीं करेगा। इस बिल में मौजूदा समय में लोगों को जो सुरक्षा मुहैया कराई गई वह नहीं है।
क्या है मौजूदा नियम अभी बैंकों का नियम यह है कि अगर आपका पैसा बैंक में जमा है तो उसका बीमा होता है और बैंक अगर बुरी स्थिति में जाता है तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है और वह आपको किसी भी हाल में वापस मिलेगा। लेकिन इस नई बिल में यह प्रावधान नहीं है। हालांकि वित्त मंत्रालय का कहना है कि जिन लोगों के पैसे बैंक में जमा हैं उसकी सुरक्षा के प्रावधान किए गए हैं। मौजूदा समय में डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट 1961 के तहत अधिकतम 1 लाख रुपए जो लोगों के बैंक खाते में जमा है उसका बीमा होगा, अगर बैंक विफल होता है तो यह पैसा सुरक्षित रहेगा। लेकिन नए निधेयक एफआरडीआई में रिजोल्यूशन कॉर्पोरेशन इस बात का निर्धारण करेगा कि अगर बैंक डूबता है तो कितना पैसा लोगों का बीमा के तहत आएगा।
https://www.youtube.com/watch?v=eBIyfSqbc0o
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