ईश्वर की भक्ति करने वाला हर भक्त सुदामा- व्यास जी महाराज
लालबंगला के शिवकटरा में चल रही भागवत कथा विवाह संस्कार के रूपो का हुआ वर्णन
व्यास जी महाराज के मुखार बिंदु से भक्त सुन रहे गृहस्थ आश्रम के अम्रित वचन
कानपुर महानगर। पूर्वांचल भोजपुरिया समाजसेवा समिति के तत्वाधान में शेर गिल स्टेट मे अमृतमयी श्रीमद्भागवत कथा मे भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही। चल रही आज कथा के आठवें दिन परम पूज्य व्यास जी महाराज ने भक्तों को गृहस्थ आश्रम के बारे मे
बताया की विवाह क्या है।
विवाह का वर्णन करते हुए बताया कि प्रभु श्री कृष्ण जी महाराज के सोलह हज़ार एक सौ आठ विवाह हुए थे । ये विवाह कोई साधारण विवाह नहीं थे।
ये वेदिका मुद्राएँ और प्रकृतिया था जिन्होंने भगवान का सयोंग प्राप्त किया आगे राधा-कृष्ण विवाह के बारे मे व्यास जी ने बताया कि राधारानी कृष्ण भगवान की धर्मभार्या है।
ये कहना की राधारानी भगवान कृष्ण की प्रेमिका है गलत है।
सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि गृहस्थ जीवन यापन करते हुए जो प्रभु की भक्ति करता है। अभावग्रस्त रहते हुए दान करता है और अपनी इंद्रियों पर काबू रखता है उसी पर प्रभु अपनी कृपा बरसाते है और उसी को प्रभु के साक्षात्कार होते है प्रभु दर्शन देते है।
फूलो के साथ लठमार होली का मनोरम दृश्य और आनद लेते हुए भक्त भाव विभोर हो गए।
सभी कार्यक्रमो का आन्नद लेते हुए भक्ति रस मे लीन रहे आचार्य बाल योगी अरुण पूरी, पार्षद शारद मिश्रा, ब्रजेश त्रिपाठी , पूर्णिमा त्रिपाठी, अभिजीत अभिषेख, अनिल मिश्रा, सोमेंद्र नाथ सभी लोगो ने कथा का रस पान किया।
सर्वोत्तम तिवारी की रिपोर्ट
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