केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि मफ़रूर शराब कारोबारी विजय माल्या से हमारी मुलाक़ात हुई थी लेकिन मामला वैसा नहीं था जैसा बताया जा रहा है.
भारतीय बैंकों को 9 हज़ार करोड़ का चूना लगाने वाले मफ़रूर शराब कारोबारी विजय माल्या के द्वारा भारत छोड़ने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी मुलाकात का दावा करने के बाद विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को निशाना बना रही हैं. हालांकि, जेटली ने माल्या के बयान को ‘तथ्यात्मक तौर पर गलत’ करार दिया.
I saw both Arun Jaitley and Vijay Mallya having a discussion in the Central Hall of the Parliament. This can be can verified with CCTV footage from that day: PL Punia, Congress pic.twitter.com/eltNNKizfs
— ANI (@ANI) September 12, 2018
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माल्या के ‘अत्यंत गंभीर आरोपों’ की स्वतंत्र जांच के आदेश तुरंत देने चाहिए और जेटली को जांच जारी रहने के दौरान अपना पद छोड़ देना चाहिए.
कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा है कि उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और विजय माल्या को संसद के सेंट्रल हॉल में एक-दूसरे से बातचीत करते हुए देखा था. उन्होंने कहा कि यह बात उस दिन की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद साबित हो सकती है.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहन है कि “न सिर्फ वित्त मंत्री जेटली बल्कि पूरे BJP के तमाम नेताओं को माल्या से अपने संबंधों पर बेदाग सामने आना चाहिए.”
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “माल्या ने दो चीजें कही हैं.पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी.इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए.व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए.’ उन्होंने सवाल किया, ‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है.ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया.यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है.’