एग्जिट पोल के बाद सियासी दलों ने बिछाई बिसात
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम शनिवार को आने के साथ ही अबकी बार किसकी सरकार का उत्तर भी मिल जाएगा। उत्तर प्रदेश में चुनावों का परिणाम भले ही शनिवार को आए, लेकिन गुरुवार शाम से विभिन्न टीवी चैनलों पर शुरू हुए एग्जिट पोल को देख सियासी दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान ने यह भी साफ कर दिया है कि प्रदेश में भाजपा सरकार को रोकने के लिए कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन जरूरत पडऩे पर बहुजन समाज पार्टी से भी हाथ मिला सकता है। टीवी चैनलों पर भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाने के बाद प्रदेश के नौकरशाहों ने भी भाजपा सहित अन्य दलों में अपनी सेटिंग करना शुरू कर दिया है।
अब की बार किसी सरकार यह तो कल भी स्पष्ट हो ही जाएगा, लेकिन भाजपा के खिलाफ सपा-कांग्रेस की एकजुटता और अखिलेश यादव के बयान ने साफ़ कर दिया की इस बार भी गैर भाजपाई सरकार। प्रदेश में भाजपा के वनवास खत्म होने का इंतजार कर रहे भाजपा नेता टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे एग्जिट पोल से फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने होली के अवसर पर बुआ को तोहफा देने की तयारी में हैं। प्रदेश में अगर राष्ट्रपति शासन या भाजपा सरकार बनने की स्थित बनती है तो अखिलेश यादव बुआ के साथ खड़े होंगे। वहीं बसपा भी सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी है और कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही। सूत्रों के अनुसार बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा बहुमत से दूर होने की स्थिति में दूसरे दलों का समर्थन हासिल कर बहुमत जुटाने की जुगाड़ में लगे हैं। श्री मिश्र ने दिल्ली में राष्ट्रीय लोकदल नेताओं से वार्ता कर की, जिसके बाद रालोद ने संकेत दिये हैं कि हालात बेहतर हुए तो वे बसपा के साथ खड़े होंगे।
इन सबके बीच सबसे ज़्यादा चर्चा सरकार बनने में डिंपल यादव की हो रही है। कहा जा रहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन में पर्दे के पीछे रह कर अहम भूमिका अदा करने वाली डिम्पल यादव वक्त पडऩे पर भाजपा मुक्त सरकार के लिए बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती के साथ होने वाले गठबंधन में भी अहम भूमिका अदा करेगी। डिम्पल यादव की नई भूमिका को लेकर सपा के रणनीतिकार चर्चा में लगे हुए हैं।
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