सेना कोर्ट के न्यायमूर्ति डी.पी.सिंह ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित पंद्रह दिवसीय पुस्तक मेले के उपरान्त आयोजित आभार-ज्ञापन कार्यक्रम में शामिल हुए और बार द्वारा दान में प्राप्त पुस्तकों का अवलोकन किया, बार ने विभागाध्यक्ष के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनके सहयोग और उत्साहवर्धक प्रयास की सराहना की l न्यायमूर्ति ने कहा कि बार ने पारस्परिक सहयोग एवं प्रयाससे पुस्तकों से संम्बन्धित आवश्यकता को जिस तरह से पूरा करने की कोशिश और पहल की यह एक उदाहरण है l न्यायमूर्ति डी.पी.सिंह ने कहा कि अधिवक्ता समाज को न्याय प्रदान कराने में रीढ़ की तरह कार्य करता है इसलिए उसे सर्वोत्तम लाईब्रेरी की आवश्यकता होती है, प्रत्येक अधिवक्ता को पुस्तकों के साथ वार्ता करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि पुस्तकें ही अधिवक्ता की सच्ची मित्र हैं अधिवक्ता को अधिक से अधिक समय पुस्तकों के बीच गुजारना चाहिए क्योंकि पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं हो सकता यह हमारी मित्र, सहयोगी और मार्गदर्शक है l
बार के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि आभार ज्ञापन समारोह बार द्वारा किए गये पुस्तक दान मेले का एक ऐसा भाग है जिसमें सेना कोर्ट और बार के सम्मानित सदस्यों के प्रति उस भावना को सम्मानित किया गया जिसमें उन्होंने सकारात्मक भावना के साथ बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और कतार के अंतिम-सैनिक को न्याय प्रदान कराने के लिए उनके लिए पुस्तकों का संकलन किया l विजय पाण्डेय ने कहा कि कार्य के स्तर और स्वरूप के आधार पर किसी कार्य का मूल्यांकन करना समीचीन प्रतीत नहीं होता क्योंकि कार्य में निहित सामजिक हित की परोक्ष भावना सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है और वही कार्य को उन्नत और अवनत बताने का वास्तविक मानक होती है, पूरे कार्यक्रम का यदि निरपेक्ष मूल्यांकन किया जाय तो यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों के साथ-साथ उपलब्धियों के स्तर पर भी सफल रहा और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम भी होते रहेंगे l
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