कानपुर महानगर। हैलट प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते आईसीयू विभाग में 3 दिनों से AC खराब होने के कारण भीषण गर्मी के चलते अचानक आईसीयू में भर्ती पाँच मरीजों ने दम तोड़ दिया। हैलट प्रशासन की लापरवाही के कारण भीषण गर्मी में हुई तड़फते मरीजों की मौतों से हैलट हॉस्पिटल में हाहाकार मच गया।
कानपुर हैलट हॉस्पिटल के आईसीयू विभाग के एसी तीन दिनों से खराब पड़े हैं।फिर भी हैलट प्रशासन की कान में जू नहीं रेंगा। भीषण गर्मी में जहाँ आईसीयू के अंदर भर्ती मरीज के परिजन हाँथ वाला पंखा डुलाकर परेशान हैं वहीं एसी खराब होने की जानकारी के बावजूद भी हैलट अस्पताल के जिम्मेदार बेखबर। अस्पताल के अंदर आईसीयू विभाग में भीषण गर्मी में एसी खराब होने के कारण अचानक पाँच मरीजों की मौत हो गई। गर्मी के चलते चार मरीजों के दम तोड़ने वाली घटना और आईसीयू विभाग के एसी खराब होने वाली बात पर हैलट प्रशासन अपनी गलती ना मानते हुये हुई अचानक पाँच मरीजों की मौतों को साधारण बताने में जुटा है। सरकारी अस्पताल के अंदर हुई इस घटना पर अपर जिलाधिकारी ने जांच के नाम पर पल्ला झाड़ लिया। शहर स्थित इतने बड़े मेडिकल कॉलेज (हैलट अस्पताल) में 3 दिन से ना कोई एसी सही हुआ और ना ही आईसीयू में पंखे कूलर की व्यवस्था की गई थी। मरीजों के परिजन हाँथ वाले पँखे और दफ्ती डुलाकर आईसीयू में भर्ती अपने मरीज को भीषण गर्मी से बचा रहे हैं। आईसीयू विभाग में लगे एसी खराब होने वाली बात को अस्पताल के जिम्मेदारों ने गम्भीरता से नहीं लिया। आईसीयू में भर्ती मरीज चिलचिलाती गर्मी में बिलबिलाते रहे लेकिन अस्पताल प्रशासन नहीं चेता। नतीजा ये रहा कि कल रात आईसीयू के अंदर पाँच मरीजों ने एक साथ एक एक करके दम तोड़ दिया। अचानक हुई धड़ाधड़ पाँच मौतों से हैलट अस्पताल के अंदर हाहाकार मच गया। घटना के बाद दम तोड़ चुके मरीजों ने अस्पताल के अंदर जमकर हंगामा काटा। शहर के सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाल स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है। बड़ा चौराहा स्थित उर्सला अस्पताल में भी असुविधायें चरम पर हैं। उर्सला के अंदर मरीजों को होने वाली तरह तरह की दिक्कतों की शिकायतें आर्यनगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेयी को काफी दिनों से मिल रही थीं। अस्पताल के अंदर वार्डों में कूलर तो छोड़िये पंखे तक नहीं हैं। ठंडे पानी की मशीनें खराब पड़ी हैं, एमआरआई मशीन काफी दिनों से खराब पड़ी है, लिफ्ट जो आजतक नहीं चली, अल्ट्रासाउंड विभाग में स्टाफ की मनमानी जैसी दर्जनों शिकायतें आर्यनगर विधायक को क्षेत्रीय लोगों ने दी थीं। जिसपर विधायक अमिताभ बाजपेयी ने गुरुवार को निदेशक से शिकायत की थी। और कड़े रुख के साथ विधायक ने निदेशक से कहा था कि उर्सला अस्पताल में असुविधायें और हीलाहवाली बिल्कुल बर्दास्त नहीं की जायेंगी। ठीक उसी रात सरकारी अस्पताल हैलट में हुई अचानक पाँच मौतों वाली इतनी बड़ी घटना ने सरकारी अस्पतालों के जिम्मेदारों और अस्पताल के अंदर मिलने वाली सुविधाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया। देखने वाली बात होगी कि हैलट हॉस्पिटल में हुई इन मौतों वाली घटना को सरकार और जिला प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है।
रिपोर्ट सर्वोत्तम तिवारी की रिपोर्ट
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