लॉकडाउन और मानसिक स्वास्थ्य

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डॉ। असद अब्बास
कोरोना, कोविड-19 महामारी आज हमारे जीवन के लगभग सभी पहलुओं को प्रभावित कर रही है। इसके रोकने के जा उपाय लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के बताये गाये हैं वो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिये उपयोगी साबित हो रहे हैं क्योंकि ये हमें इस रोग से बचाने में सहायक है। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग हमारे मानसिक स्वास्थ्य को अलग रूप में प्रभावित कर रहा है। इस लॉकडाउन के मानसिक स्वास्थ्य पर दुश्प्रभाव को रोकने के कुछ उपाय मैं आपसे साझा करता हूँ।
अपने कन को शान्त रखें किसी प्रकार के चिंताजनक विचार अपने मन में न आने दें क्योंकि कितनी भी बड़ी समस्या क्या न हो अंत में उसे समाप्त होना ही है। अपने परिवार वालों के साथ, मित्रों और सह कर्मियों के साथ जुडे रहें, अपने मन में आने वाले नाकारात्मक विचारों को अपने मस्तमौला टाईप के रिश्तेदारों और मित्रों से साझा करें वो आपके लिय सर्वश्रेष्ठ मनोचिकित्सक का काम कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर अपने पसंदीदा लोागें का ग्रुप बनायें और उस पर कोराना सम्बंधित कोई जानकारी साझा करें। उस को हल्के फुल्के जोक्स हास्यात्मक और अध्यात्मिक पोस्ट के लिये ही प्रयोग करें। बच्चों के साथ समय बितायें, उनकी पढ़ाई उनकी जिज्ञासा उनके मन के विचारों को सुने। बच्चों के साथ समय बिताना एक तनावग्रस्त दिमाग को शान्ती देता है। अपने उस शौक को जिनको समय की कमी के कारण पहले आप नहीं कर पाते थे जैसे पेन्टिंग, खाना बानाना, डायरी लिखना आदि उनपर समय व्यतीत करें। कुछ नया सीखने का प्रयास मस्तिष्क को नयी उर्जा प्रदान करता है। अगर घर में पेड़ पौधे और कोई पालतू जानवर है तो उनकी देखभाल करना सकारात्मक उर्जा प्रवाह करता है।  लॉकडाउन के समय भी अपने दिनाचार्या को नियमित रखें जैसे आप आम दिनों में करते हैं। शारीरिक व्यायाम करें, परिवार और घर से यदि आप काम कर रहे हैं तो उसके समय को सन्तुलित रखिये। समय है तो अपनी उस नींद को अवश्य पूरा करें जिसकी चाह आपको पहले सदैव रहती थी। ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें क्योंकि उससे आपको जो खुशी मिलेगी वो आपको कभी डिप्रेज़्ड नहीं होने देगी। आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तकें पढ़ें, ऊपर वाले से अपने अनुसार प्रार्थना करें क्योंकि प्रार्थना हमें हर बुरे समय से लडऩे में सहायता प्रदान करती है। तो आप शान्त रहें सकारात्मक विचार रखें पूरी दुनियाँ के लिये प्रार्थना करें कि ये बुरा समय शीघ्र समाप्त हो। इसमें देर आवश्य लगती है परन्तु इस पर मानव जाती की जीत अवश्य होगी। इस बुरे समय को अपने आप को और समझायें, अपने लोगों से जुड़ें और नयी चीज़ों को सीखने की अवसर के रूप में देखें। अंत में इसे ऐसा मानें की आपको ही चुना है जीवन में अंधकार या प्रकाश।
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