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लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रख्यात ह्रदय-रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ) ऋषि सेठी के नेत्रित्व में, दिल्ली में, देश की पहली हार्ट अटैक (दिल के दौरे) पर मार्गदर्शिका जारी की गयी. प्रो0 ऋषि सेठी, कार्डियोलाजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के ‘स्टेमि’ विशेषता-परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इंडियन हार्ट जर्नल के नवीनतम अंक में प्रकाशित यह मार्गदर्शिका प्रो0 ऋषि सेठी के साथ डॉ संताणु गुहा, डॉ सौमित्र रे, डॉ विनय के बहल, डॉ एस शंमुगासुन्दाराम, डॉ प्रफुल केरकर, डॉ सिवासुब्रमानिम रामकृष्णन, डॉ राकेश यादव, डॉ गौरव चौधरी और डॉ आदित्य कपूर के शोध पर आधारित है.
प्रो० ऋषि सेठी ने बताया कि भारत में होने वाली 25 प्रतिशत मृत्यु का जिम्मेदार है ह्रदय रोग और पक्षाघात (ह्रदय और रक्त-कोष्ठक सम्बन्धी रोग). दुनिया में हर 1 लाख जन-संख्या पर 235 लोगों को ह्रदय और रक्त कोष्ठक सम्बन्धी रोग होते हैं पर भारत में 272 को. इसीलिए यह अत्यंत जरुरी है कि ह्रदय रोग से बचाव और उपचार के लिए, हमारे देश के लिएप्रासंगिक मार्गदर्शिका हो. भारत के अनेक अस्पतालों में औसतन उम्र जिसपर रोगी ह्रदय रोग के साथ इलाज के लिए आता है वो कम हो रही है जो अत्यंत चिंता का विषय है.
प्रोफेसर (डॉ) ऋषि सेठी ने बताया कि जितने लोगों की मृत्यु ह्रदय और रक्त-कोष्ठक सम्बन्धी रोग के कारण भारत में होती है उतनी मृत्यु दर किसी भी और रोग का नहीं है. पर इसके बावजूद, ह्रदय रोग का खतरा कम करने के वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कार्यक्रम हम लोग कार्यसधाकता के साथ नहीं लागू कर पा रहे हैं. उदहारण के तौर पर, तम्बाकू नियंत्रण प्रभावकारी ढंग से जमीनी स्तर पर लागू हो, हमारी जीवनशैली में शारीरिक व्यायाम पर्याप्त होना चाहिए, आदि.
भारत के व्यापक जन स्वास्थ्य प्रणाली को भी ह्रदय और रक्त कोष्ठक रोगों के बिना-विलम्ब जांच और उपचार के लिए पर्याप्त प्रशाक्षित करना होगा.
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