मुलायम सिंह यादव ने हम लोगों के दर्द को महसूस कर सम्मानित किया था और कुछ सुविधाएं भी दी थी परंतु आज स्थिति बदतर हो गयी है

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BRIJENDRA BAHADUR MAURYA……………………..
आपातकाल के राजनैतिक बन्दियों की समस्याओं को लेकर संगोष्ठी संपन्न हुई 

लखनऊ । देश में सन् 1975 से 77 के बीत लगे आपातकाल के अंतर्गत निरूद्ध किये गये राजनैतिक बन्दियों के संगठन भारतीय लोकतंत्र रक्षक सेनानी समिति उ०प्र० ने सोमवार को राजधानी के प्रेस क्लब में आगे की रणनीति बनाने के लिये संगोष्ठी और वार्ता का आयोजन किया । संयोजक गोवर्धन प्रसाद अटल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि गोष्ठी में 30 जिलों से आये प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर आगे की रणनीति तय की है जिसके हिसाब से 6 सूत्रीय मांगो को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 24-25 जून को मुलाकात की जायेगी । आपातकाल में मीसा और डीआईआर एक्ट के अंतर्गत निरूद्ध किये गये लोगों के दुख दर्द को बयान करते हुए कहा कि हमारा संघर्ष स्वतंत्रता संग्राम से कम नहीं है क्योंकि हम लोगों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिये बलिदान दिये है । वयोवृद्ध संस्थापक सदस्य कुबेर शंकर शुक्ला ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हम लोगों के दर्द को महसूस कर सम्मानित किया था और कुछ सुविधाएं भी दी थी परंतु आज स्थिति बदतर हो गयी है । मांगो के बारे में बतातें हुए उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार अटल ने कहा कि समस्त लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समकक्ष दर्जा प्रदान कर सम्पूर्ण सुविधाएं दी जाये, आपातकाल के संघर्ष को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये, लोकतंत्र सेनानियों को प्रदेश व केन्द्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जाये, पूर्व की तरह 2 प्रतिशत सरकारी नौकरी में आरक्षण, भूमिगत रह कर कार्य करने वालों को लोकतंत्र सेनानी घोषित किया जाये और लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं का समाधान करने के लिये सभी संगठनों का एकीकरण किया जाये ।

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