अध्ययन का दावा
अध्ययन का दावा है कि सर्जरी से 30 में 14 मरीजों ने एक साल के अंदर माइग्रेन से पूरी तरह छुटकारा मिलने की बात कही वहीं इतने ही लोगों ने काफी हद तक आराम मिलने की बात कही। सिर्फ दो लोगों को किसी तरह का सुधार महसूस नहीं हुआ।
श्रीनगर के मिलिट्री अस्पताल के सर्जन डॉक्टर एनसन ने सर्जरी की थीं, उन्होंने बताया कि सर्जरी में उन मसल्स और नर्व्स को निकाल दिया जाता है जिनकी वजह से पेन ट्रिगर होता है। माइग्रेन का सर्जिकल ट्रीटमेंट विदेशों में ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है लेकिन भारत में ऐसा बहुत कम हो रहा है।
सर्जरी के बाद मिलता है राहत
एम्स के डॉक्टर एजॉय रॉय चौधरी का कहना है कि ट्रिगर साइट पर मरीजों को बोटॉक्स दिया जाता है जिससे मरीजों को दर्द की फ्रीक्वेंसी और तीव्रता में 50% तक आराम मिल जाता है वहीं सर्जरी से ये मसल्स निकाल दी जाएं तो लंबे वक्त के लिए आराम मिल सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सबके लिए सर्जरी ही समाधान नहीं है। एम्स में न्यूरोलॉजी के हेड डॉ कमलेश्वर प्रसाद का कहना है, माइग्रेन का सर्जिकल मैनेजमेंट एक नया एक्सपेरिमेंट है। भविष्य में यह काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
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