मथुरा। वृंदावन में अक्षय पात्र फाउंडेशन के कार्यकम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया।

0
1726
 उन्होंने कहा ये वंचित बच्चों को भोजन कराना एक सात्विक दान है और बहुत ही पुण्य का कार्य है। 
मुझे कुछ बच्चों को अपने हाथ से खाना परोसने का अवसर मिला है। जितनी थालियां परोसी जाएंगी, जैसा कि यहां बताया गया है कि 1500 बच्चों से ये अभियान शुरु हुआ था और आज 17 लाख बच्चों को पोषक आहार से जोड़ रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब बदली परिस्थितियों में पोषकता के साथ, पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन बच्चों को मिले, ये सुनिश्चित किया जा रहा है। इस काम में अक्षय पात्र से जुड़े आप सभी लोग, खाना बनाने वालों से लेकर खाना पहुंचाने और परोसने वाले तक के काम में जुटे सभी व्यक्ति देश की मदद कर रहे है। 
पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम सिर्फ पोषण के अभियान को हर माता, हर शिशु तक पहुंचाने में सफल हुए तो अनेक जीवन बच जाएंगे। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने पिछले वर्ष राजस्थान के झूंझनू से देशभर में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी। पिछले वर्ष सितंबर के महीने को पोषण के लिए ही समर्पित किया गया था। 
हमारी सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है कि पोषकता के साथ, अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन बच्चों को मिले। जिस प्रकार मजबूत इमारत के लिए नींव का ठोस होना जरूरी है, उसी प्रकार शक्तिशाली नए भारत के लिए पोषित और स्वस्थ बचपन जरूरी है। मिशन इंद्रधनुष के तहत देश के हर बच्चे तक पहुंचने का लक्ष्य लिया गया। अब तक इस मिशन के तहत देश में लगभग 3 करोड़ 40 लाख बच्चों और करीब 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाया जा चुका है। जिस गति से काम हो रहा है, उससे तय है संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य अब ज्यादा दूर नहीं है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने टीकाकरण अभियान को तेज़ी तो दी ही है, टीकों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। पहले के कार्यक्रम में 5 नए टीके जोड़े गए हैं, जिसमें से एक एनसेफलाइटिस यानि जापानी बुखार का भी है, जिसका सबसे ज्यादा खतरा उत्तर प्रदेश में देखा गया है। अब कुल 12 टीके बच्चों को लगाए जा रहे हैं। मिशन इंद्रधनुष को आज दुनियाभर में सराहा जा रहा है। हाल में ही एक मशहूर मेडिकल जर्नल ने इस कार्यक्रम को दुनिया की 12 बेस्ट  प्रैक्टिस में चुना है।
पीएम ने आगे कहा कि बच्चों के सुरक्षा कवच का एक और महत्वपूर्ण पहलू है स्वच्छता है। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से इस खतरे को दूर करने का बीड़ा हमने उठाया। एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट आई है, जिसमें संभावना जताई गई कि सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन से, करीब 3 लाख लोगों का जीवन बच सकता है। इस बार कुम्भ के मेले ने देश को स्वच्छता का संदेश देने में सफलता पाई है। आम तौर पर कुम्भ में नागा बाबाओं की चर्चा होती है, पहली बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कुम्भ की स्वच्छता को लेकर रिपोर्ट की है।  ‘मैं से हम’ तक की यात्रा का सबसे अच्छा उदाहरण हैं, ‘मैं’ जब ‘हम’ बन जाता है तो हम खुद से ऊपर उठकर समाज के बारे में सोचते हैं, मैं जब ‘हम’ बन जाता है तो सोच का दायरा बढ़ जाता है, ‘हम’ का विचार अपने देश को, अपनी संस्कृति को व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण बनाता है।
पीएम मोदी ने अंत में कहा कि गौ माता के दूध का कर्ज इस देश के लोग नहीं चुका सकते हैं। गाय हमारी संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। पशुपालकों की मदद के लिए अब बैंकों के दरवाजे खोल दिए गए हैं। अब बैंकों से 3 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है। इससे हमारे तमाम पशुपालकों को लाभ मिलने वाला है। बजट में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाने का फैसला किया गया है। इस आयोग के तहत 500 करोड़ रूपए का प्रवाधान गौ माता और गौवंश की देखभाल के लिए किया गया है। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नायक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद हेमा मालिनी, कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा, मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, मेयर मुकेश आर्य बंधु, केंद्रीय मंत्री अनुपमा जयसवाल आदि उपस्थित थे।
मथुरा से शाहिद कुरैशी की रिपोर्ट
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here