संस्था की ओर से श्री अमित गुप्ता ने बताया कि सकारात्मक भाषा बोलने से सकारात्मक विचारों का जन्म होता है। सकारात्मक विचार आने से बच्चों का व्यवहार अच्छा होता है तथा अच्छे व्यवहार से अच्छे संस्कारों का निर्माण होता है। छोटी उम्र में बच्चों का मस्तिष्क विकसित होता है अतः हर स्थिति में छोटे बच्चों के साथ सकारात्मक भाषा में बात करनी चाहिए।
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यदि बच्चे बचपन में ही सकारात्मक भाषा में बात करना तथा सही निर्देशों का पालन करना सीख जाएं तो यही स्थिति आजीवन बनी रहती है। अतः स्कूल में शिक्षकों को छात्र-छात्राओं से हमेशा अच्छी भाषा में बात करना चाहिए तथा बच्चों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। वहां उपस्थित सभी शिक्षकों ने वादा किया कि अब बच्चों को सकारात्मक भाषा में ही निर्देश दिया जाएगा अन्य लोगो को भी सकारात्मक भाषा में बात करने के लिए प्रेरित करेंगे।
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