नकली मिलावटी सिमेन्ट बेचने वाली फैक्ट्री का पर्दा फ़ाश

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नकली मिलावटी सिमेन्ट बेचने वाली फैक्ट्री का पर्दा फ़ाश
एक गिरफतार 15 सौ बोरिया बरामद फैक्ट्री सीज़ की गई
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लखनऊ। संवददाता, पारा थाना क्षेत्र मे लम्बे समय से चल रही नकली मिलावटी सिमेन्ट फैक्ट्री का भण्डा फोड़ करते हुए पारा पुलिस ने नकली सिमेन्ट का करोबार करने वाले फैक्ट्री संचालक को गिरफ्तार कर 15 सौ बोरी सिमेन्ट करामद करने का दावा किया है। ये वो नकली सिमेन्ट है जो बेची तो असली सिमेन्ट के दामो मे जाती थी लेकिन इस सिमेन्ट से लोगो की खून पसीने से बनाए गए मकानो पर खतरा अभी भी मडरा रहा है। पारा के सदरौना मे चल रही इस नकली सिमेन्ट की फैक्ट्री को लेकर दो दिन से सोशल मीडिया पर पारा पुलिस की फ़ज़ीहत भी हो रही थी। सोशल मीडिया पर नक़ली सिमेन्ट फैक्ट्री को लेकर चल रहे मैसेजो के बाद आखिरकार पारा पुलिस ने इस नकली सिमेन्ट फैक्ट्री पर छापा मार कर गुड वर्क कर ही दिया। एसएसपी आवास से जारी किए गए पे्रस नोट के मुताबिक पुलिस ने नक़ली सिमेन्ट की इस फैक्ट्री मे छापा मार कर हसनगंज उन्नाव के रहने वाले शफ़ीक को गिरफतार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक गिरफतार किए गए शफीक ने पुलिस को बताया कि विभिन्न गोदामो से सिमेन्ट की कटी फटी बोरिया सौ रूपए मे वो खरीद कर उसमे मिलावट कर उसी बोरी को 285 से 290 रूपए तक प्रति बोरी बेच दिया करता था। पुलिस ने छापे मारी के दौरान नक़ली सिमेन्ट की इस फैक्ट्री से छन्न्नी, कुप्पी डोगा और भारी सख्या मे विभिन्न कम्पनियो की खाली बोरिया भी बरामद की है। सूत्रो द्वारा बताया गया है कि पारा थाना क्षेत्र मे नक़ली और मिलावटी सिमेन्ट बनाने वाली कई फैक्ट्रियां अभी भी चल रही है इसके अलावा सूत्र बताते है कि पारा थाना क्षेत्र मे कई ऐसी जगह भी है जहां पर पेट्रोल और डीज़ल टैंकरो से उतार कर गैर कानूनी तरीके से बेचा जा रहा है सूत्र बताते है कि पारा थाना क्षेत्र मे चल रहे इन गैर कानूनी कामो मे कई पुलिस कर्मी भी शामिल है । बताया जा रहा है कि छापे मारी के दौरान पुलिस को देख कर फैक्ट्री मे मौजूद कई अन्य लोग फरार होने मे कामयाब भी हा गए।
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सीओ आलमबाग ने कहा विवेचना के आधार पर होगी आगे की कार्यवाही
सोशल मीडिया पर दो दिनो तक फ़ज़ीहत झेलने के बाद हरकत मे आई पारा पुलिस ने नक़ली और मिलावटी सिमेन्ट की फैक्ट्री पर छापा मार कर एक व्याक्ति को गिरफतार कर फैक्ट्री को तो सीज़ कर दिया लेकिन कुछ सवाल ऐसे है जिसका जवाब जनता को मिलना अभी बाकी है । इस सम्बन्ध मे सीओ आलमबांग भी खुल कर कुछ भी बोलने को तैयार नही नज़र आए संवाददाता ने जब इस सम्बन्ध मे सीओ आलमबांग से बात की तो उन्होने कहा कि एसडीएम साहब की निगरानी मे पुलिस ने छापा मार कर कानूनी कार्यवाही कर मुकदमा दर्ज कर लिया है काबी विवेचना पर निर्भर करेगा उनका कहना था कि एसडीएम साहब ने मुकदमा दर्ज कराया है अब मुकदमे की जाॅच की जाएगी। सोशल मीडिया पर पारा पुलिस पर लगे अरोरो के सम्ब्नध मे उनका कहना था कि हमे सोशल मीडिया के बारे मे कोई जानकारी नही है जो भी होगा जाॅच मे आएगा।
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बात करने से बचते रहे इन्स्पेक्टर पारा
नक़ली सिमेन्ट की अवैध फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद संवाददाता द्वारा इन्स्पेक्टर पारा अखिलेश चन्द पाण्डेय को काल की गई तो उन्होने सिर्फ हेलो हेलो कह कर काल को डिस्कनेक्ट कर दिया । तेज़ तर्रार छवी के लिए पहचाले जाने वाले इन्स्पेक्टर पारा अखिलेश चन्द पाण्डेय और एक पत्रकार के बीच हुई मोबाईल पर हाट टाक वाले आडियो ने इन्स्पेक्टर पारा की काफी सोशल मीडिया पर फज़ीहत की । दो दिनो तक सोशल मीडिया पर पारा के सदरौना मे चल रही नकली सिमेन्ट फैक्ट्री की खबरे छाई रही फ़ज़ीहत के बाद पुलिस ने इस फैक्ट्री पर छापा मार कर कार्यवाही की इतिश्री कर दी। सोशल मीडिया पर किसी पत्रकार और इन्स्पेक्टर पार के बीच हुई बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वाईरल हुआ जिसमे इन्स्पेक्टर पारा द्वारा पत्रकार पर और पत्रकार द्वारा इन्स्पेक्टर पारा पर गम्भीर आरोप लगाए गए थे ।
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क्या वो मकान तुड़वाए जाएगे जो इस फैक्ट्री की सिमेन्ट से बने है
नकली सिमेन्ट फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद एक सवाल खड़ा हो गया है जिसका जवाब जनता को मिलना ही चाहिए । सवाल ये कि क्या उन मकानो मे रहने वाले लोगो की जान की सुरक्षा के लिए उन मकानो को चिन्हित कर घ्वस्त कराया जाएगा जो मकान इस फैक्ट्री से निकली सिमेन्ट से बनाए गए है । लोगो की जान और माल से खिलवाड़ करने वाली ये फैक्ट्री कब से चल रही थी और यहां से कितनी नकली और मिलावटी सिमेन्ट की बोरिया निकली और इन नकली मिलावटी सिमेन्ट की बारियो से कितने मकानो की छते और दीवारे बनी और उन मकानो मे कितने लोग रहते है जिनकी जाने खतरे मे है। क्या इस अहम मुददे पर जाॅच नही होनी चाहिए । पुलिस ने कांॅपी राईट एक्ट और 420 के तहत मुकदमा तो दर्ज कर लिया । हो सकता है कि सिमेन्ट की जाॅच के बाद फैक्ट्री संचालक के उपर लगाए गए आरोप सच भी साबित हो लेकिन इस बीच क्या उन मकानो मे लगी सिमेन्ट की गुणवत्ता की जाॅच नही होनी चाहिए जो मकान इसी सिमेन्ट की फैक्ट्रियो से निकली हुई सिमेन्ट से बनाए गए है।
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