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धनतेरस के दिन लगा कुम्हारों का मेला
आज की शाम कुम्हारों के नाम, दिवाली पर्व के कुछ दिन पहले से ही कुम्हार डिजाइनों से भरपूर मिट्टी की बर्तने व दीया बनाने में जूटे हुए है ऐसे में धनतेरस के दिन सैकड़ों कुम्हार जगह जगह पर स्वयं से बनाये गये मिट्टी के खिलौने व बर्तनों को बेचने में जूटे हुए है।
पूरे देश में मंगलवार को यानि धनतेरस के दिन लोग तमाम प्रकार के बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रिक सामान, व मिट्टी की बनी दीप को ले रहे है ऐसे में राजधानी लखनऊ में भी लोग तरह तरह के सामान खरीदते हुये देखने को मिले। जिसमें ज्यादातर कुम्हारों के द्वारा बनाई गई मिट्टी की बर्तने व डिजाइनों से भरपूर दीया अधिक मात्रा में लोग खरीदते हुए मिले।
यूपी राज्य के अलग जिलों में हजारों की कगार में लोग बाजार करने के लिए घर से निकले हैं जो कि दीवाली पर्व से एक दिन पूर्व धनतेरस के दिन तरह तरह के सामान खरीदने की शुभ दिन मानकर लोग खरीदारी कर रहे है। जैसे में ज्यादातर जो मुख्य चीज है वह कुम्हारों के द्वारा बनाई गई कच्ची मुट्ठियों की बर्तने जो लोग अधिक मात्रा में खरीदारी कर रहै है।
आप को ज्ञात हो कि इस बार दीपावली 19 अक्टूबर को है। आज के दिन बाजारों व दुकानों में बहुत भीड़ है क्योंकि आज के दिन किसी भी प्रकार की सामान खरीदने का शुभ दिन माना गया है। ऐसे में यह त्यौहार पंचदिवसीय है। जो कि शाम के वक्त घरों व हजारों में रौनक देखने को मिली है। जहां मान्यताओं के अनुसार माँ लक्ष्मी इसी दिन घर में प्रवेश करती है
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता हैं इसके अलावा और भी कारण है जिसकी वजह से धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था भगवान धन्वंतरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है इस दिन लोग गणेश और लक्ष्मी को घर लाया जाता है इस दिन लोग किसी को उधार नहीं देने है और ना ही लेते हैं इस दिन धन की वृद्धि के लिए लोग नई वस्तुएं लेते हैं।
सतीश संगम की रिपोर्ट————–
https://www.youtube.com/watch?v=Ai63RihKTIE&t=2s