जरूरत से ज्यादा सोना हो सकता है खतरनाक

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रात को अच्छी नींद आए, तो अगली सुबह ऊर्जा से भरी होती है। अधिकांश लोग शिकायत करते हैं कि वे रात में गहरी नींद में नहीं सो पाए या रात में वे देर तक नहीं सो पाए। मगर, जरूरत से ज्यादा सोना भी आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है।

आम तौर पर 18 से 64 साल के सामान्य वयस्कों के लिए सात से आठ घंटे की नींद पर्याप्त होती है। हालांकि, नींद के घंटों का समय अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोग पांच घंटे की नींद के बाद ही तरो-ताजा महसूस करते हैं, जबकि कुछ लोगों को आठ घंटे की नींद भी कम ही लगती है।

हालांकि, यह पाया गया है कि नौ घंटों से अधिक की नींद का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। कभी-कभी या सप्ताहांत पर आप इतनी देर सो रहे हैं तो ठीक है, लेकिन नौ घंटों तक नियमित रूप से सोना आपकी सेहत के लिए खतरनाक है। इससे कई बीमारियां हो सकती हैं, जिसमें दिल की बीमारी, मधुमेह, मोटापे आदि के जोखिम बढ़ सकते हैं। जानें, जरूरत से ज्यादा सोने के क्या नुकसान हो सकते हैं…

अल्जाइमर और डिमेंशिया: कई शोधों से पता चलता है कि बहुत ज्यादा या बहुत कम सोने से अल्जाइमर का जोखिम बढ़ सकता है। जो लोग अधिक सोते हैं, उन्हे डिमेंशिया होने का जोखिम अधिक होता है।

अवसाद: डिप्रेशन के शिकार लोग कम नींद आने की शिकायत करते हैं। जबकि, उम्र दराज लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 10 घंटे से अधिक समय तक सोने वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है।

बदन दर्द: हो सकता है कि दर्द में सोने से आपको राहत मिल सकती है। वहीं, दूसरी तरफ सोने से आपके बदन के कई हिस्सों में दर्द भी हो सकता है। अगर आप बिस्तर पर अधिक समय बिताते हैं, तो पीठ दर्द हो सकता है।

मोटापा: कनाडा में हुए एक शोध में पाया गया कि ज्यादा सोने और वजन बढ़ने के बीच सीधा संबंध होता है। जो लोग नौ घंटे से अधिक समय सोते हैं, उनमें सामान्य सोने वाले लोगों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त होने की आशंका 21 फीसद अधिक होती है।

दिल की बीमारी का जोखिमः एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग आठ घंटे से अधिक समय तक सोते हैं, उनके खून का प्रवाह कम होने के कारण छाती में दर्द होने की आशंका दोगुना अधिक होती है। कोरोनरी हृदय रोग से ग्रस्त होने की संभावना 10 फीसद अधिक होती है।

स्ट्रोक का जोखिम अधिक: ज्यादा समय तक नींद लेने और स्ट्रोक आने के जोखिम के बीच भी मजबूत संबंध है। एक अध्ययन में पाया गया है कि आठ घंटों से अधिक समय तक सोने वाले लोगों को स्ट्रोक आने का जोखिम 46 फीसद अधिक होता है।

https://www.youtube.com/watch?v=Ai63RihKTIE&t=2s


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