क्लास रूम में उतरवाए 70 छात्राओं के कपड़े

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*वार्डन ने क्लास रूम में उतरवाए 70 छात्राओं के कपड़े*
*इन्सानियत को किया शर्मसार*
*”सरकार एक तरफ बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं का नारा देती है वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूल में छात्राओं को पूरी तरह से नंगा कर दिया जाता है। शर्म को शर्मिंदा कर देने वाली मुजफ्फरनगर की इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सरकार के ये नारे केवल दीवारों पर लिखने भर के लिए है? क्या वाकई में सरकारी मशीनरी में सुधार की जरूरत है या फिर योगी राज में इस मशीनरी का जंग साफ हो पाएगा?”*
मुजफ्फरनगर। योगीराज में यूपी के मुजफ्फरनगर से एक ऐसा शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे देखकर खुद शर्म भी शर्मिंदा हो जाए। यहां एक वार्डन ने पूरे स्कूल की 70 छात्राओं को घंटों तक क्लास रूम में नंगाकर खड़े किए रखा। बेहद शर्मनाक इस मामले की जानकारी मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए वार्डन को सस्पेंड कर दिया है।
*कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मामला*
दरअसल, मामला खतौली इलाके के तिगरी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का है। विद्यालय की महिला वार्डन सुरेखा तौमर द्वारा स्कूल की 70 छात्राओं के क्लास रूम में कपड़े उतरवाए गए और उनका मासिक धर्म चैक किया।
*छात्राएं लज्जित हुई, मगर वार्डन को शर्म ना आई*
स्कूल की वार्डन खुद एक महिला हैं, बावजूद इसके छात्राओं को उन्होंने इस तरह अपमानित करने की घिनौनी करतूत को अंजाम दिया। विद्यालय में अध्यनरत सभी 70 छात्राओ को संयुक्त रूप से कक्षा में ले जाकर नग्न अवस्था में खड़ा किया। पीड़ित छात्राओं की माने तो वार्डन सुरेखा ने कई घंटो तक छात्राओं को पूर्ण निवस्त्र रखा। छात्राएं खुद को अपमानित महसूस करती रही, लेकिन वार्डन खुद महिला होते हुए भी उन छात्राओं का दर्द और लज्जा भाव नहीं समझ सकी।
*छात्राएं रोती-बिलखती रही, मगर उसे दया ना आई*
शर्म और लज्जा की मारी छात्राएं रोती-बिलखती रही, लेकिन हिटलर बनी हास्टल की वार्डन न तो शर्मिंदा हुई और ना छात्राओं की हालात पर उसे तरस आया। वार्डन का आरोप था कि टॉयलेट में ब्लड किसी छात्रा के मासिक धर्म के है, जिसकी वजह से टायलेट गंदा हो गया। बस उसी चक्कर में वार्डन ने पूरे स्कूल को ही नंगा कर दिया।
*छात्राओं ने जमकर की नारेबाजी*
बाद में वार्डन की इस हरकत पर गुस्साई छात्राओं ने विद्यालय में जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रकट किया। मामले की जानकारी मिलते ही छात्राओं के परिजन भी स्कूल में पहुंच गए और विरोध जताया।
*मामले पर पर्दा डालने की जुगत*
जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि पहले तो वो कार्रवाई करने के मूड में नज़र नहीं आए और मामले पर पर्दा डालने की जुगत में जुट गए, जिससे नाराज़ परिजन अपनी बेटियों को घर वापस ले गए।
*मीडिया में आने पर कार्रवाई*
मामला जब मीडिया में पहुंचा तो आनन-फानन में बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव ने 7 सदस्यी टीम गठित कर जांच कराई और आरोप सिद्ध होने पर आरोपी वार्डन को सस्पेंड कर दिया।
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