नई दिल्ली : क्रिकेट के खेल में कब क्या हो जाए कोई कुछ नहीं सकता. कौन सा खिलाड़ी कब क्या कारनामा कर देगा, कहा नहीं जा सकता. क्रिकेट के इतिहास में खिलाड़ियों ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जो हमेशा याद किए जाएंगे. क्रिकेट में वैसे तो कई रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं, लेकिन बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जो इतिहास में ना पहले कभी हुआ है और ना ही कभी होगा.
दरअसल, बांग्लादेश के एक क्लब ने 88 रनों के लक्ष्य का पीछा चार गेंदों में ही कर लिया और मैच 10 विकेट से जीत लिया. लेकिन कैसे हुआ ये? पहला ओवर फेंकने वाले गेंदबाज ने चार वैध गेंदें फेंकी, जिसमें उसने 92 रन दिए. लेकिन क्या ऐसा बल्लेबाजों की करामात से हो पाया?
जब इस खबर की चर्चा शुरू हुई तो इसके पीछे की सच्चाई सामने आई. लालमटिया की टीम को भी इसपर कोई आश्चर्य नहीं था. ऐसा इसलिए की महमूद को टीम का पूरा सपोर्ट था. इसके पीछे अंपायर को दोषी ठहराया जा रहा है. अंपायर के खिलाफ अपना विरोध जताने के चलते ऐसा गेंदबाज ने किया. लालमटिया टीम मैच के अंपायर ने नाराज थी, जिसके बाद उन्होंने एक सोची समझी रणनीति के तहत ओवर की अधिकतर गेंद वाइड और नो फेंका.
लालमाटिया क्लब के गेंदबाज सुजोन महमूद ने ढाका में खेली गई सेकंड डिवीजन क्रिकेट लीग में 80 अतिरिक्त रन दे डाले, जिसमें 65 रन 13 वाइड बॉल से, और 15 रन तीन नो बॉल से दिए. इस अजीबोगरीब कारनामें को उन्होंने एक्जियोम क्रिकेटर्स के खिलाफ सिटी क्लब क्रिकेट ग्राउंड में बुधवार को अंजाम दिया. एक्जियोम के बल्लेबाज 12 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे जिसमें तीन चौके शामिल थे. यह मैच पूरे 1 घंटा 34 मिनट तक चला.
इसके पहले लालमाटिया 14 ओवरों में 88 रनों पर ऑलआउट हो गई. एक बल्लेबाज रन आउट हुआ, दो पीछे कैच किए गए, तीन एल्बीडब्ल्यू(पगबाधा) , और एक स्टंपिंग आउट हुआ. बहरहाल, खिलाड़ियों का मानना था कि अंपायर ने दूसरी टीम की तरफदारी की.
अदनान रहमान, लालमाटिया जनरल सेक्रेटरी ने कहा, “ये सब टॉस के वक्त शुरू हुआ और हमारे कप्तान को टॉस का क्वाइन(सिक्का) नहीं देखने दिया गया. हमें बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया गया. और जैसा कि उम्मीद की जा रही थी अंपायर का निर्णय हमारे खिलाफ आया और टीम कम स्कोर पर ऑलआउट हो गई. हमारे खिलाड़ी युवा हैं जिनकी उम्र 17, 18 और 19 साल है. वे ये अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सके और चार गेंदों में 92 रन दे डाले.