चूहों पर हुए इस में साफ हुआ है कि कैनोला तेल का सेवन करने से स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होने के साथ ही वजन भी तेजी से बढ़ता है। अमेरिका की टेम्पल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डोमेनिको प्रैटिको का कहना है,’कैनोला तेल का इस्तेमाल लोग इसलिए भी ज्यादा करते हैं क्योंकि ये अन्य वनस्पति तेल के मुकाबले बहुत सस्ता है, और इसे विज्ञापनों में स्वास्थ्यवर्धक और लाभदायक बताया जाता है। जिसे पढ़ और सुन कर लोग इसका सेवन करते हैं।’
वैज्ञानिकों का कहना है कि कैनोला आॅयल के नियमित सेवन से मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित होने के साथ ही, याददाश्त क्षीण होने, एमिलॉयड एकत्र होने और अल्झाइमर बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। वहीं, कुछ विद्धानों का कहना है कि इस तेल के अधिक सेवन से ब्रेन ट्यूमर के लक्षण भी दिख सकते हैं। हालांकि आपको बता दें कि ये एक प्राकृतिक पौधा नहीं है, बल्कि रेपसीड पौधा से आता है जो सरसों परिवार का हिस्सा है। रेपसीड तेल मानव के उपभोग के लिए नहीं बना हैं क्योंकि रेपसीड तेल का इस्तेमाल लुब्रिकेंट और ईंधन एसएपी के लिए होता है और यह सिंथेटिक रबर का आधार है।
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